Sunday, July 12, 2015

The recording was on loop.....

अम्यृषयो ये वेदस्वरानशुश्रुवन् |
दिव्यस्वरान् श्रोतुम्प्रतिमुहुस्शेकुः |
तादृगमी स्वरा अनुव्यचिन्तयन्त ||


 

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